TRAI Update:
TRAI Update: कई लोग लॉकडाउन से वर्क फ्रॉम होम करते आए है, इसीलिए कई लोगों ने घर में वायफाय लगा रखा है। इसी वजह से लोग मोबाइल में रिचार्ज नहीं करते है। लेकिन अगर आप भी ऐसे करते है तो इस लेख को जरूर पढ़े।
अगर आपके पास मोबाइल नंबर है और आप उस पर रिचार्ज नहीं कर रहे या अपने मोबाइल का कम इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको आने वाले समय में अपना मोबाइल नंबर इस्तेमाल करने के लिए आपके रिचार्ज के अलावा और भी पैसे देने पड़ेंगे।
कई देशों में टेलीफोन और मोबाइल नंबर के लिए एक जैसे शुल्क भरने पड़ते हैं। कभी-कभी यह मोबाइल ऑपरेटर पर लागू होता हैं तो कभी मोबाइल यूजर्स को शुल्क भरना पड़ता है। अब इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने (TRAI) यह प्रस्ताव और नियम जारी किया है।
सिम कार्ड पर लंबे समय तक रिचार्ज ना करने पर उस मोबाइल नंबर को ब्लैकलिस्ट में डालने के बजाय अब मोबाइल ऑपरेटर पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह शुल्क एकमुश्त या वार्षिक आधार पर लिया जा सकता है। TRAI ने यह योजना बनाई है कि मोबाइल फोन या लैंडलाइन नंबर के लिए मोबाइल ऑपरेटर से शुल्क लिया जाएगा। इस नियम को लागू करने के बाद मोबाइल ऑपरेटर भी इसका बोझ कस्टमर्स पर डाल सकेंगे।
TRAI का ऐसा मानना है कि मोबाइल नंबर यह एक निजी नहीं बल्कि सार्वजनिक संसाधन है। इसीलिए इसका सार्वजनिक उपयोग कैसा हो यह देखना जरूरी है। देश में मोबाइल नंबर की बहुत कमी है। साथ ही, नियमों के अनुसार अगर सिम कार्ड पर लंबे समय तक रिचार्ज ना करें तो उस मोबाइल नंबर को ब्लैकलिस्ट में डाला जाता था। लेकिन इस स्थिति में TRAI ने अब यह फैसला लिया है की सिम कार्ड पर लंबे समय तक रिचार्ज ना करने पर उसे ब्लैकलिस्ट में डालने के बजाय उस मोबाइल ऑपरेटर पर जुर्माना लगाया जाएगा।
कौन से देश में शुल्क लिया जाता है ?
कई देशों में टेलीफोन नंबर मोबाइल ऑपरेटर को ट्रांसफर किया जाता है, तो कई देशों में उपभोक्ताओं को ही शुल्क भरना पड़ता है। TRAI के अनुसार डेनमार्क, हॉन्ग कॉन्ग, कुवेत, स्विट्जरलैंड, ग्रीस, सिंगापुर, यूके, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, फिनलैंड, नेदरलँड, और नायजेरिया आदि देश का इस लिस्ट में आते हैं।