Myopia in Children
Myopia in Children : बड़े लोग हो या फिर छोटे बच्चे आजकल हर कोई मोबाइल फोन पर घंटो गवा देते हैं। बच्चे बाहर खेलने के बजाय घर में ही मोबाइल फोन पर गेम खेलते हैं या फिर रिल्स देखते हैं। लेकिन बच्चों के इस आदत की वजह से उनकी आंखों का नुकसान हो रहा है।
इसी वजह से बच्चों को मायोपिया जैसे गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यह आंखों की एक गंभीर समस्या है, जो आंखों की दृष्टीपर परिणाम करती है। मायोपिया से कैसे बचें और शुरुआती दिनों में इसके लक्षण क्या हैं? आइए जानें इसके बारे में।
क्या होता है Myopia ?
मायोपिया से पीड़ित लोगों को दूर की चीजें देखने में कठिनाइयां होती है और इसे निकट दृष्टि दोष भी कहा जाता है। इस स्थिति में मायोपिया से पीड़ित लोग दूर की चीजों पर फोकस नहीं कर सकते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आंखों में रोशनी ठीक से रिफ्लेक्ट नहीं होती है और चीज़े धुंधली दिखाई देती है।
Myopia के लक्षण
• दूर की वस्तुओं को देखने के लिए आँखें सिकोड़ना
• आँख पर जोर
• सिरदर्द
• बार-बार आँख मलना
• दूर की वस्तुएँ धुंधली और निकट की वस्तुएँ निकट दिखाई देती हैं।
• टीवी आदि देखते समय बहुत पास बैठना
• अधिक झपकियाँ
‘Chandu Champion’ का नया पोस्टर : युद्ध में सैनिक की भूमिका में है ये एक्टर !
Myopia के कारण
आजकल बच्चों की जीवनशैली बहुत ही बदल गई है। उन्हें बाहर खेलने से ज्यादा मोबाइल फोन और कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताना पसंद है। इसका उनकी आंखों पर ज्यादा परिणाम होता है। इससे बच्चों में मायोपिया का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि, हम कुछ बातों का ध्यान रखें। बच्चों में मायोपिया का खतरा कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते है ? चलिए जान लेते हैं।
प्रतिबंधात्मक उपाय
स्क्रीन टाइम कम करने का प्रयास करें और यदि आपके बच्चे कंप्यूटर फोन या टीवी पर ज्यादा समय बिताते हैं, तो उनके स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए नियम बनाने का प्रयास करें।
ध्यान रखें की आपके बच्चे कुछ समय के लिए बाहर खेलने जाए, क्योंकि बाहर खेलना न सिर्फ आपके बच्चों को मायोपिया से बचाता है बल्कि इसके अन्य भी फायदे हैं।
ठंड में हाथ-पैरों में खुजली और जलन गंभीर बीमारी का संकेत देती है, इसे नजरअंदाज न करें।
अपने बच्चों को कम रोशनी में किताब पढ़ने या फोन का इस्तेमाल करने से मना करें, क्योंकि इससे बच्चों के आंखों पर तनाव आ सकता है।
नियमित रूप से आंखों की जांच करें ताकि आंखों की समस्याओं पर इलाज कर सके।