Stock Market  मैं कामयाबी हासिल करनी है तो यह 9 मिस्टेक दोबारा न दोहराना

Written by Akshay

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Stock Market  मैं कामयाबी हासिल करनी है तो यह 9 मिस्टेक दोबारा न दोहराना

शेयर बाजार से करोड़पति बनने के लिए, आपको कुछ आदतों को तुरंत छोड़ देना चाहिए. अमेरिका के एक दिग्गज निवेशक बेंजामिन ग्राहम ने कहा था कि किसी भी निवेशक का सबसे बड़ा दुश्मन खुद उसका व्यक्तित्व हो सकता है. इसलिए, निवेशकों को अपने पूर्वाग्रहों को दूर करने और तार्किक फैसले लेने की आवश्यकता होती है. यहां कुछ ऐसी आदतें हैं जिन्हें आपको तुरंत छोड़ देना चाहिए:भावनाओं में आकर फैसला न करें: भावनाओं में लिए गए फैसले अक्सर अच्छे नहीं होते हैं. इससे बचने का तरीका है कि आप कोई भी फैसला करने से पहले उसे लेकर पूरी छान-बीन करें, रिसर्च करें और अपने उस रिसर्च पर भरोसा करें

Stock Market Mistakes: शेयर बाजार से अगर आपको करोड़पति बनना है या अच्छा खासा पैसा कमाना है तो आपको कुछ आदतें तुरंत छोड़ देनी चाहिए। आज बहुत सारे लोगों स्टॉक मार्केट में अपनी ही गलती के चलते पैसा खो रहे हैं।

अमेरिका के एक दिग्गज निवेशक बेंजामिन ग्राहम ने बहुत पहले ही समस्या को पहचान लिया था। बेंजामिन ग्राहम ने कहा था कि किसी भी निवेशक का सबसे बड़ा दुश्मन खुद उसका व्यक्तित्व हो सकता है। मार्केट एक्सपर्ट्स को अब यह बात ज्यादा अच्छे से समझ में आ रही है। बेंजामिन ग्राहम मानते थे इंसान काफी भावुक या इमोशनल जीव है। इसलिए उसके फैसला हमेशा तार्किक नहीं होते हैं, बल्कि इसमें कई सारे पूर्वाग्रह शामिल होते हैं और इसीलिए उसे अपने फैसलों से नुकसान उठाना पड़ता है। शेयर बाजार में सफल होने के लिए जरूरी हैं, आप इन आदतों को जानें और जल्द से जल्द इन्हें बदलने की कोशिश करें। इस आर्टिकल में हम ऐसी ही 9 आदतों को बता रहे हैं, जिसे हर निवेशक को तुरंत छोड़ देना चाहिए

1. भावनाओं में आकर फैसला न करें

भावनाओं में लिए फैसलों के नतीजे अक्सर अच्छे नहीं होते हैं। इससे बचने का तरीका है कि आप कोई भी फैसला करने से पहले उसे लेकर पूरी छान-बीन करें, रिसर्च करें और अपने उस रिसर्च पर भरोसा करें। निवेश को लेकर एक स्टेप-बाय-स्टेप रणनीति बनाए। इससे भावनाओं में बहने का चॉन्स कम होगा और आपको तार्किक यानी लॉजिकल फैसले लेने में मदद मिलेगी।

भावनाओं के आधार पर फैसले लेने से कितना नुकसान हो सकता है, उसका एक सबसे अच्छा उदाहरण 2008 का वित्तीय संकट है। इस वित्तीय संकट को लेकर एक केस स्टडी हुई थी, उसमें एनालिस्ट सालों से वास्तविकता को इग्नोर कर रहे थे। अमेरिकी कंपनियों की असल कमाई और उनके कमाई के अनुमान में काफी काफी अंतर था। जब वहां मंदी आई और उसने सभी सेक्टर्स को अपने जद में लेना शुरू किया, तब ये एनालिस्ट्स जागे थे और उन्होंने कमाई का अनुमान घटाया।

लेकिन मामला यही खत्म नहीं हुआ, इन एनालिस्ट्स ने कंपनियों से बात की। इन कंपनियों ने भावनाओं में आकर कह दिया कि कितनी भी बड़ी मंदी आ जाए, उनके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इतना आत्मविश्वास इन लोगों ने फिर से अपना अनुमान बढ़ा दिया। लेकिन अंत में मंदी आई और सभी धराशायी हो गए। अगर इन लोगों ने लॉजिक से फैसला लिया होता, तो शायद उनका और उनके निवेशकों दोनों को घाटा कुछ कम हुआ होता।

2. कन्फर्मेशन लेने की आदत छोड़ें

अक्सर लोग फैसला पहले कर लेते हैं, और फिर उस फैसले के सपोर्ट में लोगों से कन्फर्मेशन या राय मांगते हैं। जो राय उनके फैसले के समर्थन में आती है, उसके ये मानते हैं और जो राय इसके खिलाफ होती है, उसे बेकार राय मानकार टाल देते हैं। जैसे आपने मन बना लिया है कि आपको XYZ शेयर खरीदना है। अब आप मन बनाने के बाद दोस्तों या बाकी लोगों से इस पर राय मांग कर रहे हैं कोई तो कह दें कि यह शेयर अच्छा है खरीद लो। जो इसमें जोखिम की बता बता रहा उस आप सुन नहीं रहे हैं। तो फिर यहां नुकसान होने का चांस रहता है। अच्छा होगा कि आप कोई भी फैसला लेने से पहले रिसर्च और किसी सर्टिफाइट एक्सपर्ट्स से सलाह लें।

3. शेयर से चिपके ना रहें

कई बार यह देखा गया है कि निवेशक खराब परफॉर्मेंस के बावजूद स्टॉक को बेचते नहीं है। या किसी स्टॉक ने उन्हें एक साल अच्छा रिटर्न दिया है, लेकिन दूसरे साल वह सपाट कारोबार कर रहा है और तो भी वह उसे चिपके रहते हैं और उनका रिटर्न नीचे आ जाता है। आपको अपने पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक की नियमित एनालिसिस करना चाहिए।

4 एंकरिंग बायस से बचें

कई बार यह देखा गया है कि निवेशकों को किसी भी टॉपिक पर जो सबसे पहली जानकारी मिलती है, वह उसी को सत्य मानकर चलने लगते हैं और इसी के आधार पर फैसला करते हैं। इसे एंकरिंग बायस कहते हैं। यहां यस बैंक का उदाहरण लेते हैं। यस बैंक का शेयर अपने पीक से करीब 90% गिर गया है। हालांकि जब यह गिर रहा था, तब भी बहुत सारे लोगों ने इसके शेयर बेचे नहीं और इसमें बने रहे। इसका पीछे मुख्य कारण एंकरिंग बायस था। यानी इन्हें जो पहली जानकारी मिली थी कि यह शेयर वापस फिर से उठेगा, वो आज तक उससे चिपके हुए हैं।

5. ओवरकॉन्फिडेंस से बचें

निवेशकों में कई बार यह आत्मविश्वास आ जाता है कि उन्होंने बाजार की चाल को पकड़ लिया है। खासतौर से बुल रैली के दौरान ऐसा होता है। उस दौरान लगभग सभी शेयर ऊपर जाते हैं और आप जिस शेयर पर दांव लगाते हैं, वह भी बाजार के साथ ऊपर जाता है। इससे निवेशकों ओवरकॉन्फिडेंस में आ जाते हैं और वह फिर वह जल्द पैसा बनाने के चक्कर में कुछ जोखिम भरा दांव ले लेते हैं और बाजार में क्रैश आते हैं उनका दांव भारी नुकसान में बदल जाता है

6.स्टॉक से अधिक लगाव न रखें

किसी भी स्टॉक या कंपनी से बहुत ज्यादा लगाव न रखें। अक्सर निवेशक लगाव के चलते कंपनियों की वैल्यू बहुत अधिक लगा लेते हैं। वो जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, या जिस कंपनी का प्रोडक्ट उन्हें बहुत पसंद हैं, उन्हें लगता है कि वो कंपनी बहुत अच्छा कर रही है। इसलिए वो उसमें बड़ा दांव लगा देते हैं। इससे उनके पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन बिगड़ जाता है।

7. झुंड को फॉलो करने से बचें

सभी इस स्टॉक में पैसा लगा रहे हैं, बस यह सोचकर कहीं निवेश न करें। झुंड को फॉलो करने का नुकसान यह है कि इससे बाजार में एक बुलबुला बन जाता है और जब यह बुलबुला फटता है, तो आपकी जेब खाली कर देता है। इसलिए अपनी इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी पर टिके रहें।

8. हमेशा स्टॉप लॉस लगाएं

किसी भी स्टॉक में निवेश करते समय स्टॉप लॉस जरूर लगाएं। अभी हमने ऊपर यस बैंक का उदाहरण दिया। कोई स्टॉक कितना गिरेगा यहां कितने दिन-महीनों तक नहीं उठेगा, कोई नहीं जानता। इसलिए स्टॉप लॉस लगाएं और अपना घाटा न्यूनतम रखें।

9.उधार लेकर निवेश न करें

कई लोग दोस्तों या बैंकों से लोन लेकर स्टॉक मार्केट में पैसा लगाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। यह बहुत ही खतरनाक है। अगर पैसा डूबा तो आप और आपके साथ आपके परिवार संकट में आ सकता है। इसलिए ऐसा करने से बचें।

स्टॉक मार्केट मे होना हे सफल तो इन सभी बातो का रखे खयाल

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